मोदी और योगी पर भारी पड़े Akhilesh Yadav और Rahul Gandhi
मोदी और योगी पर भारी पड़े अखिलेश और राहुल यूपी में बीजेपी के हाथ से छीन लिया जीत का समीकरण बीजेपी अब यूपी में दूसरे नंबर की बनी पार्टी यूपी में बीजेपी के खिलाफ हवा चल रही है डीबी लाइव इस हवा को महसूस कर रहा था हम लगातार दावा कर रहे थे कि यूपी में बड़ा खेला हो गया है बीजेपी को इस बार यूपी में जबरदस्त नुकसान होने जा रहा है और चुनाव परिणाम में भी यह साफ हो गया कि यूपी में बीजेपी अब पहले नंबर की पार्टी नहीं रह गई है समाजवादी पार्टी ने बीजेपी से पहले नंबर की हैसियत को छीन लिया है लोकसभा चुनाव में सपा यूपी में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है तो
कांग्रेस ने भी 2009 के बाद यूपी में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है बीजेपी के कई दिग्गज नेता चुनाव हार गए हैं मेनका गांधी अजय मिश्र टेनी संजीव बालियान को चुनाव में हार मिली है और यह सब कुछ हुआ है अखिलेश यादव और राहुल गांधी की रणनीति के चलते इन दोनों नेताओं की रैलियों में जिस तरह से भीड़ जुट रही थी उससे इंडिया गठबंधन के नेता भी हैरान दिखाई दे रहे थे क्योंकि कितना भी बड़ा मैदान रैली के लिए बुक करते लोगों की भीड़ के आगे वह छोटा पड़ जाता था फूलपुर में तो पांच गुना ज्यादा लोग पहुंच गए थे तो इलाहाबाद की रैली में 4 लाख लोग जुटे थे लोगों के इसी
उत्साह ने साफ कर दिया था कि यूपी में इंडिया गठबंधन बीजेपी के साथ खेला करने जा रहा है राहुल और अखिलेश यादव की संयुक्त रैलियों ने जहां पूरे प्रदेश में इंडिया के पक्ष में माहौल बनाया तो छोटी-छोटी सभाओं ने इसे जमकर भुनाया कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाडरा ने रायबरेली और अमेठी में जमकर प्रचार किया लेकिन इनमें बड़ी रैलियों के स्थान पर सुबह से शाम तक 20 से ज्यादा नुक्कड़ सभाएं होती थी और चुनाव परिणाम में यह दोनों ही सीटें कांग्रेस ने जीत ली तो पूरे पूर्वांचल में साइकिल जमकर दौड़ी जबकि पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल से ही
आते हैं वाराणसी सीट पर भी पीएम मोदी मुश्किल से ही जीत पाए वैसे तो जीत का अंतर 1.52 लाख वोटों का था लेकिन जिस तरह के दावे किए जा रहे थे कि पीएम मोदी इस बार 8 लाख वोटों से जीते वह पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं वैसे सभा की तरफ से इस बार टिकट वितरण भी बेहद संभलकर किया गया था पार्टी ने इस बार सिर्फ पांच यादवों को टिकट दिया था और यह सभी लोग अखिलेश यादव के परिवार के सदस्य थे जो सभी जीत गए इसके अलावा पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने 27 गैर यादव ओबीसी और सिर्फ चार मुसलमानों को टिकट दिए थे पार्टी ने एससी आरक्षित सीटों पर 15 दलित
उम्मीदवार भी उतारे थे यानी सपा ने यूपी में 63 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे उसमें पीडीए का पूरा का ध्यान रखा था सबवर्ड सिर्फ 11 सीटों पर उतारे थे इस बीच राजपूत समुदाय का जब बीजेपी के खिलाफ गुस्सा दिखा तो उसे भी इंडिया गठबंधन ने जमकर भुनाया ऐसे में बीजेपी को उसके ही गढ़ में सपा ने जबरदस्त मात दे दी जिस तरह का समन्वय इस बार अखिलेश और राहुल के बीच में दिखाई दिया उसे जीत का सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है अखिलेश यादव ने जिस तरह यूपी की बाजी पलटी तेजस्वी यादव उस खेल में चूक गए दरअसल तेजस्वी यादव ने खुद तो 251 रैलियां
की लेकिन कांग्रेस नेताओं का उन्होंने बहुत ज्यादा साथ नहीं लिया अंतिम समय पर राहुल गांधी की तीन रैलियां उन्होंने कराई और जिन तीन सीटों पर राहुल गांधी ने तेजस्वी के साथ रैली की उनमें से दो सीट इंडिया गठबंधन ने जीत ली ऐसे में दावे किए जा रहे हैं कि अगर यूपी की तरह बिहार में भी राहुल और तेजस्वी यादव की संयुक्त रैलियां कराई जाती तो जिस तरह का चुनाव परिणाम यूपी में आया है उसी तरह का चुनाव परिणाम बिहार में भी देखने को मिलता यूपी में इस बार सपा ने 37 सीटों पर जीत हासिल की तो कांग्रेस ने छह सीटें जीती है